चांपा,
रेलवे का आम लोगों के बीच अलग ही नजरिया नजर आता है। वहीं रेलवे अपने कार्यों के प्रति कटिबद्ध है। आम लोगों की सुविधाओं के लिए रेलवे समर्पित है। लेकिन रेलवे के अधिकारियों के काम हमेशा चर्चा में बने रहते है। इसी कड़ी में शनिवार की सुबह चांपा रेलवे स्टेशन का काम कुछ अलग ही नजर आ रहा था। स्टेशन के चारों ओर बराबर साफ सुथरा, प्लेटफार्म की साफ सफाई क्लीनिंग मशीन से और तो और स्टाफ पूरे यूनिफार्म में नजर आ रहे थे। रेलवे के कर्मचारी एक दिन के लिए अपना पूरा सर्वस्व न्यौछावर कर चांपा रेलवे स्टेशन में नजर आ रहे थे। सभी ठेकेदार के साथ ठेका कर्मचारी पूरे यूनिफार्म में काम कर रहे थे।
जी हां यह कोई अचंभा नहीं है, जब चांपा स्टेशन के अधिकारी-कर्मचारियों को पता चला कि रेलवे बोर्ड से अधिकारी निरीक्षण पर आ रहे है तो पूरा रेलवे कर्मचारियों का अमला सुबह से ही चांपा रेलवे स्टेशन को बाहर से लेकर अंदर तक चमकाने में लगा था। रेलवे बोर्ड के अधिकारी रेलवे की आधिकारिक सैलून से चांपा रेलवे स्टेशन को पार कर सारागांव की ओर चले गए। वहां से वापस आने और चांपा रेलवे स्टेशन में रूककर निरीक्षण करने की सोच से सभी अधिकारी प्लेटफार्म नं.02 में इंतजार कर रहे थे लेकिन रेलवे का आधिकारिक सैलून अपनी रफ्तार में बिलासपुर की ओर वापस चला गया। सभी अधिकारियों राहत की सांस ली और अपने काम में सभी लग गए।
क्या अधिकारियों के आने भर से ही होगी व्यवस्था पूरी…
क्या रेलवे बोर्ड और जोन के अधिकारियों के आने पर ही रेलवे के आला अधिकारी स्टेशन के अंदर बाहर को चमकाने में लगे रहेंगे। अन्य दिनों में ऐसा देखने को शायद ही मिलता है। बाकी दिनों की अपेक्षा सारी चीजें व्यवस्थित करवाई जा रही थी। कभी कभार अगर रेलवे के कर्मचारियों ने व्यवस्था बना भी दी तो ऐसा लगता है मानों उन्हें अवार्ड मिल गया है। लेकिन आम जनता के बीच यही संदेश जाता है कि अधिकारियों के आने पर ही चांपा रेलवे स्टेशन अपनी सारी इच्छा पूरी कर पाता होगा।
फिलहाल रेलवे के उच्च अधिकारी आए भी और चले भी गए, वहीं सभी अधिकारी सिर्फ एक दूसरे का मुंह ताकते और पूछते रहे कि चांपा रेलवे स्टेशन में रूकेंगे भी या नहीं? लेकिन हुआ उनकी सोच के हिसाब से और अधिकारी वापस चले गए। लेकिन एक दिन ही सही चांपा रेलवे स्टेशन की खुबसूरती देखने लायक थी।