कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने की स्कूल, शिक्षा विभाग के काम-काज की समीक्षा, गूगल मीट के जरिए ली जायेगी शिक्षकों की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन की मीनू का अनिवार्य रूप से पालन करने के निर्देश, थर्ड पार्टी से करायी जायगी शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच, आत्मानंद स्कूलों में रिक्त पदों पर जल्द होगी भर्ती
बिलासपुर। कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने आज यहां जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने गूगल मीट और गूगल फार्म के जरिए स्कूल में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति एवं पढ़ाई कार्य की मॉनीटरिंग करने को कहा है। डॉ. अलंग ने कहा कि डेली डायरी के अनुरूप स्कूलों में गुणवत्ता पूर्वक पढ़ाई का कार्य सुनिश्चित होने चाहिए। उन्होंने मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत निर्धारित मेनू का अनिवार्य रूप से पालन कराने पर जोर दिया है। संयुक्त संचालक आर.एन.हीराधर सहित संभाग के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी इस दौरान उपस्थित थे।
कमिश्नर डॉ. अलंग ने बैठक में विशेषकर स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियमानुसार भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। संभाग के 39 आत्मानंद स्कूलों में फिलहाल 288 पोस्ट रिक्त हैं। बैठक में बताया गया कि महतारी दुलार योजना के अंतर्गत अनाथ हुए 162 बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला दिया गया है। उन्होंने इन स्कूलों में अधोसंरचना, नियुक्ति, पढ़ाई, लैब आदि की जानकारी ली। जांजगीर, शक्ति एवं पेण्ड्रा जिले में कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। कमिश्नर ने स्कूली बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किये गये मेनू का अनिवार्य रूप से पालन किये जाने पर बल दिया है। मेनू के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा प्रोटीनयुक्त भोजन एवं हरी साग-सब्जी शामिल किया जाये। मध्यान्ह भोजन की मीनू के अनुरूप यदि कोई खाद्य सामग्री स्थानीय गोठान परिसर में निर्मित हो रही हो, तो प्राथमिकता से इसे खरीदी कर इस्तेमाल में लाया जाये।
डॉ. अलंग ने कहा कि शिक्षकों की स्कूलों में केवल उपस्थिति ही पर्याप्त नहीं है। उन्हें गुणवत्ता पूर्वक डेली डायरी के अनुरूप बच्चों को पढ़ाया भी जाना चाहिए। बच्चों में पढ़ाई की गुणवत्ता का आकलन थर्ड पार्टी द्वारा कराया जायेगा। मुंगेली जिले में गुणवत्ता परीक्षण के लिए संचालित कसौटी अभियान की उन्होंने प्रशंसा की और अन्य जिलों को भी इससे मिलता-जुलता कार्यक्रम अपनाने को कहा। कमिश्नर ने हर स्कूल में शिक्षा संहिता एवं शिक्षा गारण्टी अधिनियम से जुड़ी बुकलेट अनिवार्य रूप से रखकर सभी शिक्षकों को इन्हें अच्छी तरह से पढ़ने के निर्देश दिए हैं।