जारी आदेश के अनुसार, शुक्रवार 10 जनवरी को उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग मंत्री ने मोवा ओवरब्रिज का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कार्य स्थल पर गंभीर खामियां पाई गईं. ओवरब्रिज पर 7 जनवरी की रात 3 से 4 बजे के बीच बिटुमिनस कंक्रीट की 40 एमएम की परत से डामरीकरण का कार्य किया गया था, जिसमें मिक्सिंग के समय डामर के मानक से अधिक गर्म होने के कारण गिट्टी आपस में ठीक से नहीं चिपक पाई. इसका परिणाम यह हुआ कि यातायात के दौरान गिट्टी अलग होकर बिखर गई, जो कार्य में घोर लापरवाही का प्रमाण है.
ओवरब्रिज के डामरीकरण कार्य में खराबी क्यों आई? इस डामरीकरण कार्य में कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? इसकी जांच मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों से कराई जाए और जांच रिपोर्ट तीन दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें.
पीडब्लूडी मंत्री साव ने मोवा ओवरब्रिज का किया निरीक्षण
पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव मोवा ओवरब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण करते हुए उन्होंने अधिकारी और ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई. इंजीनियर और ठेकेदारों से सवाल पूछते हुए कहा कि धूल की परत के ऊपर कैसे पेस्टिंग होगा. मंत्री स्वयं मटेरियल को हटाते हुए मटेरियल के नीचे धूल की परत को इंजीनियर और ठेकेदार को दिखाते हुए कहा ऐसा काम होता है. साथ ही जांच के निर्देश दिए.
अरुण साव निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता हीन काम को लेकर नाराज़गी जताते हुए मौके पर मौजूद सचिव कमलप्रीत और पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता को जांच के निर्देश दिए साथ ही तीन दिनों में जांच के रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही मंत्री ने कहा गुणवत्ता विहीन कार्य में जो दोषी होंगे चाहे वो ठेकेदार हो या अधिकारी उस पर तत्काल कार्रवाई होगी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.
दरअसल, मरम्मत कार्य के लिए मोवा ओवरब्रिज को 3 जनवरी से 8 जनवरी तक बंद किया गया था और इस दौरान इसमें रिपेयरिंग का कार्य किया जा रहा था लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन काम किया गया.