अन्य खबरेंGST काउंसिल की आज 55वीं बैठक, जानें क्या होगा सस्ता क्या महंगा?

GST काउंसिल की आज 55वीं बैठक, जानें क्या होगा सस्ता क्या महंगा?

आज राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं मीटिंग हो रही है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी मौजूद रहेंगे, जिसमें इश्योरेंस सेक्टर सबसे ज्यादा चर्चा में है. लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को कम करने, लक्जरी उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी को बढ़ाने और एविशन टरबाइन फ्यूल को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में आज बैठक में बहुत चर्चा हुई है. अब देखना है कि काउंसिल क्या निर्णय लेती है, जो 21 दिसंबर को जैसलमेर, राजस्थान में होगी. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करीब 6 बजे मीडिया से बातचीत करेंगी.

148 आइट्म्स पर की चर्चा करेगी काउंसिल

जीएसटी काउंसिल आज की मीटिंग में 148 मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, छोटी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर लगने वाले जीएसटी रेट में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है.

टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर मिल सकती है बड़ी राहत

टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को हटाया जा सकता है, सीनियर सीटिजन के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है, और 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों को जीएसटी में बड़ी छूट दी जा सकती है. आज की जीएसटी काउंसिल की मीटिंग.

20 लीटर से अधिक के पैक पानी पर लगने वाले जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है, जबकि साइकिल पर लगने वाले GST को 12 % से घटाकर 5 % किया जा सकता है.

क्या हो सकता है महंगा?

रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले समय में लक्जरी उत्पादों पर लगने वाले GST रेट्स को बढ़ाया जा सकता है. 25000 रुपये से अधिक की कीमत वाली घड़ियों पर 18 प्रतिशत की जगह 28 प्रतिशत, 15000 रुपये से अधिक की कीमत वाले जूतों पर 18 प्रतिशत की जगह 28 प्रतिशत और रेडी-मेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत तक का जीएसटी लग सकता है. साथ ही, 1500 रुपये से 10,000 रुपये तक की कीमत वाले रेडी-मेड कपड़े को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाया जा सकता है, जबकि 10,000 रुपये से अधिक की कीमत वाले कपड़े को 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाया जा सकता है.

GST मुआवजा पर फैसला

GST मुआवजा उपकर भी चर्चा में आ सकता है. जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में कमी के लिए राज्यों को यह उपकर देना होता है. इस उपकर को जून 2025 तक बढ़ाने पर काउंसिल विचार कर रही है. राज्यों की राजस्व क्षति का भुगतान इस उपकर से किया जाता है.

स्टील आयात हो सकता है महंगा

GST काउंसिल की बैठक में एक और महत्वपूर्ण मामला सामने आ सकता है, जो स्टील के आयात पर असर डाल सकता है. राजस्व विभाग के तहत शुरू की गई एक जांच, जो स्टील आयात को महंगा बना सकती है, जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है.

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आज राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं मीटिंग हो रही है, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य राज्यों के वित्त मंत्री भी मौजूद रहेंगे, जिसमें इश्योरेंस सेक्टर सबसे ज्यादा चर्चा में है. लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को कम करने, लक्जरी उत्पादों पर लगने वाले जीएसटी को बढ़ाने और एविशन टरबाइन फ्यूल को जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में आज बैठक में बहुत चर्चा हुई है. अब देखना है कि काउंसिल क्या निर्णय लेती है, जो 21 दिसंबर को जैसलमेर, राजस्थान में होगी. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करीब 6 बजे मीडिया से बातचीत करेंगी. 148 आइट्म्स पर की चर्चा करेगी काउंसिल जीएसटी काउंसिल आज की मीटिंग में 148 मुद्दों पर चर्चा करेगी, जिनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, छोटी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर लगने वाले जीएसटी रेट में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी शामिल है. टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर मिल सकती है बड़ी राहत टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को हटाया जा सकता है, सीनियर सीटिजन के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है, और 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों को जीएसटी में बड़ी छूट दी जा सकती है. आज की जीएसटी काउंसिल की मीटिंग. 20 लीटर से अधिक के पैक पानी पर लगने वाले जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है, जबकि साइकिल पर लगने वाले GST को 12 % से घटाकर 5 % किया जा सकता है. क्या हो सकता है महंगा? रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले समय में लक्जरी उत्पादों पर लगने वाले GST रेट्स को बढ़ाया जा सकता है. 25000 रुपये से अधिक की कीमत वाली घड़ियों पर 18 प्रतिशत की जगह 28 प्रतिशत, 15000 रुपये से अधिक की कीमत वाले जूतों पर 18 प्रतिशत की जगह 28 प्रतिशत और रेडी-मेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत तक का जीएसटी लग सकता है. साथ ही, 1500 रुपये से 10,000 रुपये तक की कीमत वाले रेडी-मेड कपड़े को 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाया जा सकता है, जबकि 10,000 रुपये से अधिक की कीमत वाले कपड़े को 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाया जा सकता है. GST मुआवजा पर फैसला GST मुआवजा उपकर भी चर्चा में आ सकता है. जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में कमी के लिए राज्यों को यह उपकर देना होता है. इस उपकर को जून 2025 तक बढ़ाने पर काउंसिल विचार कर रही है. राज्यों की राजस्व क्षति का भुगतान इस उपकर से किया जाता है. स्टील आयात हो सकता है महंगा GST काउंसिल की बैठक में एक और महत्वपूर्ण मामला सामने आ सकता है, जो स्टील के आयात पर असर डाल सकता है. राजस्व विभाग के तहत शुरू की गई एक जांच, जो स्टील आयात को महंगा बना सकती है, जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है.
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