बांग्लादेश में हिंदू साधू चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर माहौल गर्मा गया है. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार चिन्मय दास को कोर्ट ने जमानत न देकर जेल भेज दिया है. जिसे लेकरे बांग्लादेश की मीडिया में ISKON और चिन्मय दास के संबंधो को लेकर अफवाह हैं कि चिन्मय दास का इस्कान से कोई संबंध नही है. अब ISKON ने इसका खंडन किया है. ISKON ने चिन्मय दास के समर्थन में बयान जारी कर कहा कि हिन्दुओं के अधिकारों की लड़ाई में इस्कान चिन्मय दास के साथ खड़ा है.
इस्कान संगठन द्वारा जारी बयान में कहा है कि वे चिन्मय कृष्ण दास का समर्थन करते है, चिन्मय द्वारा हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ एकजुट होने तथा मंदिरो व अन्य धामिक स्थल की रक्षा के लिए चिन्मय कृष्ण दास के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के साथ खड़ा है संगठन ने इससे दूरी नही बनाई है. बयान में आगे कहा है कि हम बांग्लादेश में हिंदू तथा अन्य सनातनी समूह से हिंदूओं की रक्षा तथा अल्पसंख्यक समुदायों के लिए शांतिपूर्ण पहले जैसा माहौल तैयार करने करने की अपील करते है.
25 नवंबर को बांग्लादेश में चटगांव के पुंडरीक इस्कान धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश की सुरक्षा एंजेसियों ने गिरफ्तार किया था और देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया गया है. उनकी गिरफ्तारी ऐसे समय में की गई जब चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार और प्रर्दशनकारियों द्वारा मंदिरो का बनाए जा रहे निशाने को लेकर हिंदुओं को एकजुट होने की बात का ऐलान किया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद समर्थक सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन कर रहे है. बांग्लादेश में इस्कान के करीब 70 अधिक जगहों पर मंदिर है. इनसे जुड़े करीब 50 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए है, जो अब चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी के विरोध में वहां के हर जिलों पर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे है.
चिन्मय की गिरफ्तारी के बाद इस्कान बैन पर कोर्ट में लगाई गई याचिका
इस्कान को लेकर बांग्लादेश में बवाल जारी है. चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस पर बैन लगाने की मांग की थी हालांकि कोर्ट ने बैन से इंकार कर दिया है लेकिन अंतरिम सरकार द्वारा की गई इस्कान कार्रवाई को कोर्ट ने सही माना है. कार्रवाई की जानकारी मांगा है.