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संभल मामले में ‘सुप्रीम फरमान’: निचली अदालत के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, CJI ने कहा- हाईकोर्ट के आदेश तक न करें कोई कार्रवाई

दिल्ली,

संभल शाही जामा मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है. अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी. साथ ही कहा है कि ये मामला हमारे पास लंबित रहेगा.

मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, अगर मस्जिद कमेटी अपील करती है तो मामले में 3 दिन के अंदर सुनवाई की जाए. सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए. सीजेआई ने ये भी कहा कि संभल में हम शांति चाहते हैं. प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए. इस मामले में निचली अदालत कोई ऐक्शन ना ले.

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले चिंता जताई की वहां पर शांति और सद्भाव बरकरार रहे. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप इस ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. सुप्रीम ने ये भी कहा है कि 3 दिन के अंदर अगर आप हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं तो मामला हाई कोर्ट में लिस्ट किया जाए और हाईकोर्ट के अगले निर्देश का इंतजार किया जाए. तब तक के लिए ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई रुकी रहेगी.

शाही जामा मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वसीम ने कहा, “हम मस्जिद की ओर से अदालत में पेश हुए और अनुरोध किया कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां हमें दी जाएं और अदालत ने वही आदेश दिया. सर्वे रिपोर्ट आज जमा नहीं की गई. सर्वे टीम ने रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है. अब कोई अन्य सर्वे (मस्जिद का) नहीं होगा.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, संभल जिले की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके सर्वे के आदेश दिया था. उसी सर्वे के लिए दिन निकलते ही तड़के एडवोकेट कमिश्नर की टीम पहुंची थी. टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी भारी पुलिस बल के साथ जामा मस्जिद पहुंचे थे.

वहीं तनाव को देखते हुए आसपास के इलाके में RRF, PAC और स्थानीय पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था. मस्जिद जाने वाले हर रास्ते पर पहरा बैठाया गया था. टीम करीब साढ़े 7 बजे पहुंची तो कुछ देर तो सब शांत ही था. लगा हालात बेहतर हैं. पुलिस अधिकारी भी मुत्मइन हो चले थे कि एकाएक 9 बजे के करीब अचानक से आक्रोशित लोगों का सैलाब आया और फिर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.

हिंदू पक्ष का दावा
गौरतलब है कि 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद मौजूद हैं, उस जगह पर श्री हरिहर मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. इसी के बाद मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक पहुंच गया. जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया.

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दिल्ली, संभल शाही जामा मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है. अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी. साथ ही कहा है कि ये मामला हमारे पास लंबित रहेगा. मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, अगर मस्जिद कमेटी अपील करती है तो मामले में 3 दिन के अंदर सुनवाई की जाए. सर्वे रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए. सीजेआई ने ये भी कहा कि संभल में हम शांति चाहते हैं. प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए. इस मामले में निचली अदालत कोई ऐक्शन ना ले. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, सुप्रीम कोर्ट ने सबसे पहले चिंता जताई की वहां पर शांति और सद्भाव बरकरार रहे. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से कहा कि आप इस ऑर्डर को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. सुप्रीम ने ये भी कहा है कि 3 दिन के अंदर अगर आप हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हैं तो मामला हाई कोर्ट में लिस्ट किया जाए और हाईकोर्ट के अगले निर्देश का इंतजार किया जाए. तब तक के लिए ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई रुकी रहेगी. शाही जामा मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शकील अहमद वसीम ने कहा, “हम मस्जिद की ओर से अदालत में पेश हुए और अनुरोध किया कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां हमें दी जाएं और अदालत ने वही आदेश दिया. सर्वे रिपोर्ट आज जमा नहीं की गई. सर्वे टीम ने रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाने की मांग की है. अब कोई अन्य सर्वे (मस्जिद का) नहीं होगा. जानिए क्या है पूरा मामला दरअसल, संभल जिले की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा अदालत में हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इसके सर्वे के आदेश दिया था. उसी सर्वे के लिए दिन निकलते ही तड़के एडवोकेट कमिश्नर की टीम पहुंची थी. टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एडवोकेट विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉ राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी भारी पुलिस बल के साथ जामा मस्जिद पहुंचे थे. वहीं तनाव को देखते हुए आसपास के इलाके में RRF, PAC और स्थानीय पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था. मस्जिद जाने वाले हर रास्ते पर पहरा बैठाया गया था. टीम करीब साढ़े 7 बजे पहुंची तो कुछ देर तो सब शांत ही था. लगा हालात बेहतर हैं. पुलिस अधिकारी भी मुत्मइन हो चले थे कि एकाएक 9 बजे के करीब अचानक से आक्रोशित लोगों का सैलाब आया और फिर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. हिंदू पक्ष का दावा गौरतलब है कि 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर को जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस जगह पर शाही जामा मस्जिद मौजूद हैं, उस जगह पर श्री हरिहर मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. इसी के बाद मामला इतना बढ़ा कि कोर्ट तक पहुंच गया. जिसके बाद कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया.
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