छत्तीसगढअकलतराटेंडर हुआ, रोड बना और काम खत्म, आखिर ये रोड किसके लिए...

टेंडर हुआ, रोड बना और काम खत्म, आखिर ये रोड किसके लिए बना? डबरी को पाटने की तैयारी पूरी? आखिर किसकी है डबरी?

 

चांपा,

गांधी सामुदायिक भवन और अम्बेडकर भवन के लिए पहले से रास्ता बना हुआ था। जिससे गुजर कर लोेग द माडर्न विलेज होते हुए रानी रोड में निकलते थे। लेकिन तालाब के पास स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल से एक और रास्ता नगर पालिक परिषद के द्वारा बनाया गया। गांधी भवन के लिए रास्ता होने के बाद भी बगल में रास्ता किसके लिए बनाया गया, ये अपने आप में संदेह को जन्म देता है,

कहीं यह रास्ता निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए तो नहीं बनाया गया?

 

वर्षों पहले तालाब किनारे स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल में एक और तालाब और नाला था जिसे प्रशासन द्वारा धीरे धीरे पाटते हुए वहां गांधी भवन और अंबेडकर भवन का निर्माण किया। वहीं आसपास निजी व्यक्तियों द्वारा अपने मंगल भवन का भी निर्माण किया गया। जिस पर आने जाने के लिए नगर पालिका परिषद के द्वारा रोड का निर्माण किया गया। नाले को पाटते हुए रास्ते का भी निर्माण हो गया। अब निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए रास्ते के बगल अलग से रास्ते का निर्माण किया गया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि नगर पालिका परिषद के अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

 

पहले से रास्ता होने के बाद आखिर ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी जिसके लिए मंदिर के बगल से रास्ता बनाना जरूरी हो गया। वहीं नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पुछने पर वे एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आते है। आखिर किस निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए इस रोड का निर्माण किया गया है? वहीं रोड के निर्माण के दौरान एक पेड़ भी काट दिया गया। बिना जानकारी के पेड़ काटना भी कानूनन अपराध है लेकिन नगर पालिका परिषद के अधिकारियो को इससे कोई सरोकार नहीं है और ना ही रोड बनाने वाले ठेकेदार को इससे कोई मतलब है।

 

बहरहाल टेंडर हुआ, रोड बना और काम खत्म, आखिर ये रोड किसके लिए बना यही सवाल आम जनता जानना चाहती है। जिसका जवाब देने प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार सामने नहीं आ रहा है। अब देखना यह है कि इस मामले में जिले के अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

  चांपा, गांधी सामुदायिक भवन और अम्बेडकर भवन के लिए पहले से रास्ता बना हुआ था। जिससे गुजर कर लोेग द माडर्न विलेज होते हुए रानी रोड में निकलते थे। लेकिन तालाब के पास स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल से एक और रास्ता नगर पालिक परिषद के द्वारा बनाया गया। गांधी भवन के लिए रास्ता होने के बाद भी बगल में रास्ता किसके लिए बनाया गया, ये अपने आप में संदेह को जन्म देता है, कहीं यह रास्ता निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए तो नहीं बनाया गया?   वर्षों पहले तालाब किनारे स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल में एक और तालाब और नाला था जिसे प्रशासन द्वारा धीरे धीरे पाटते हुए वहां गांधी भवन और अंबेडकर भवन का निर्माण किया। वहीं आसपास निजी व्यक्तियों द्वारा अपने मंगल भवन का भी निर्माण किया गया। जिस पर आने जाने के लिए नगर पालिका परिषद के द्वारा रोड का निर्माण किया गया। नाले को पाटते हुए रास्ते का भी निर्माण हो गया। अब निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए रास्ते के बगल अलग से रास्ते का निर्माण किया गया है। जिससे यह प्रतीत होता है कि नगर पालिका परिषद के अधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाया जा रहा है।   पहले से रास्ता होने के बाद आखिर ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी जिसके लिए मंदिर के बगल से रास्ता बनाना जरूरी हो गया। वहीं नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से पुछने पर वे एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आते है। आखिर किस निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए इस रोड का निर्माण किया गया है? वहीं रोड के निर्माण के दौरान एक पेड़ भी काट दिया गया। बिना जानकारी के पेड़ काटना भी कानूनन अपराध है लेकिन नगर पालिका परिषद के अधिकारियो को इससे कोई सरोकार नहीं है और ना ही रोड बनाने वाले ठेकेदार को इससे कोई मतलब है।   बहरहाल टेंडर हुआ, रोड बना और काम खत्म, आखिर ये रोड किसके लिए बना यही सवाल आम जनता जानना चाहती है। जिसका जवाब देने प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार सामने नहीं आ रहा है। अब देखना यह है कि इस मामले में जिले के अधिकारी क्या संज्ञान लेते हैं या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में जाएगा।
error: Content is protected !!