बिलासपुर,
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मैं छत्तीसगढ़ में 3 दिन से दौरा कर रहा हूं। इसके पहले कांकेर में दो दिन रहा । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ व भारत सरकार द्वारा आदिवासियों के हित में संचालित योजनाओं की समीक्षा कर रहा हूं।
भिलाई में भी समीक्षा की और आज बिलासपुर में एस ई सी एल कंपनी के अधिकारियों की बैठक ली है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों में एनीमिया की बीमारी ज्यादा नोट की गई है। इसकी जांच के लिए बिलासपुर में आज आयोजित स्वास्थ्य शिविर का अवलोकन किया । इसमें दो- तीन सौ लोगों के नमूने लिए गए ।
आर्य ने कहा कि बैठक लेकर अनुसूचित जनजाति के विभिन्न यूनियनों से चर्चा की है। यह देखा कि कहीं कोई अन्याय तो नहीं हो रहा है। शोषण तो नहीं किया जा रहा है। विभिन्न खनन परियोजनाओं से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की क्या स्थिति है, कितने लोगों का पुनर्स्थापना हुआ, बैठक में यह भी जानकारी ली। आर्य ने सीएसआर मद की भी समीक्षा की। राशि किन मदों में खर्च हो रही है, उन्होंने एस ई सी एल कंपनी के बारे में कहा कुछ अच्छा काम तो हुए हैं लेकिन और ज्यादा काम करने की जरूरत है।
एसईसीएल प्रबंधन को आदिवासी बहुल गांवों को गोद में लेकर विकास कार्य करने चाहिए।जिस तरह भिलाई में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे काम हुए हैं, इस तरह के काम बिलासपुर में किए जाने की जरूरत है। अध्यक्ष ने कहा कि खनन गतिविधियों से आदिवासी लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं। उनको ज्यादा नुकसान होता है। उनकी भरपाई कंपनियां कैसे करें,इस पर विचार विमर्श किया गया और निर्देश दिए गए।