छत्तीसगढएसईसीएल के अधिकारियों का कारनामा, रजिस्ट्रेशन पहले, पास बाद में

एसईसीएल के अधिकारियों का कारनामा, रजिस्ट्रेशन पहले, पास बाद में

बिलासपुर। लगातार चार दिन से तीन युवा अनशन में बैठे हुए है। अनशनकारी युवाओ की कोई पूछ परख नही। क्या प्रबंधन में बैठे अधिकारियों को किसी बड़ी घटना का इन्तेजार है।

बिना कुछ खाये पिये लगतार चार दिन से तीन युवा छात्र

अप्रेंटिसशिप की सीट बढ़ाने की मांग को लेकर एसईसीएल के मुख्य गेट के सामने बैठे हुए है। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही है। वही एसईसीएल के कुछ अधिकारी युवा छात्रों से अनशन बंद करने मिन्नते भी कर रहे है लेकिन युवा छात्र अपनी मांगों को लेकर दिन रात ठंड का सामना करते बैठे है।

आखिर 1 महीने पहले कैसे हुआ रजिस्ट्रेशन, जिम्मेदार कौन?

अनशनकारियों ने बताया की नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत माइनिंग की परीक्षा पास होने के बाद छात्र स्वयं अपना रजिस्ट्रेशन करते है लेकिन जो छात्र पास नही हुए उन्होंने भी अपना रजिस्ट्रेशन किया लेकिन अधिकारियों ने बिना जांच किये उनको ट्रेनिंग के लिए अप्रूव कर दिया। आखिर इन सबका जिम्मेदार कौन? एसईसीएल के अधिकारियों की यह मंशा समझ से परे है। आखिर वे ऐसा क्यों कर रहे है। अब देखना यह है कि अनशन में बैठे विनय कौशल, संतोष कुमार, रवि लाल और उनके अन्य साथियो की मांगे पूरी होंगी या आश्वाशन मिलेगा।

हालत बिगड़ने पर सिम्स भेजा

अनशन कर रहे एक छात्र की तबियत खराब होने पर उसे सिम्स भेजा गया। तबियत खराब होने के बाद भी छात्र अनशन से जाने तैयार नही था जिसे पुलिस कर्मियों द्वारा एम्बुलेंस में भेजा गया।

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बिलासपुर। लगातार चार दिन से तीन युवा अनशन में बैठे हुए है। अनशनकारी युवाओ की कोई पूछ परख नही। क्या प्रबंधन में बैठे अधिकारियों को किसी बड़ी घटना का इन्तेजार है।

बिना कुछ खाये पिये लगतार चार दिन से तीन युवा छात्र

अप्रेंटिसशिप की सीट बढ़ाने की मांग को लेकर एसईसीएल के मुख्य गेट के सामने बैठे हुए है। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही है। वही एसईसीएल के कुछ अधिकारी युवा छात्रों से अनशन बंद करने मिन्नते भी कर रहे है लेकिन युवा छात्र अपनी मांगों को लेकर दिन रात ठंड का सामना करते बैठे है।

आखिर 1 महीने पहले कैसे हुआ रजिस्ट्रेशन, जिम्मेदार कौन? अनशनकारियों ने बताया की नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम के तहत माइनिंग की परीक्षा पास होने के बाद छात्र स्वयं अपना रजिस्ट्रेशन करते है लेकिन जो छात्र पास नही हुए उन्होंने भी अपना रजिस्ट्रेशन किया लेकिन अधिकारियों ने बिना जांच किये उनको ट्रेनिंग के लिए अप्रूव कर दिया। आखिर इन सबका जिम्मेदार कौन? एसईसीएल के अधिकारियों की यह मंशा समझ से परे है। आखिर वे ऐसा क्यों कर रहे है। अब देखना यह है कि अनशन में बैठे विनय कौशल, संतोष कुमार, रवि लाल और उनके अन्य साथियो की मांगे पूरी होंगी या आश्वाशन मिलेगा। हालत बिगड़ने पर सिम्स भेजा अनशन कर रहे एक छात्र की तबियत खराब होने पर उसे सिम्स भेजा गया। तबियत खराब होने के बाद भी छात्र अनशन से जाने तैयार नही था जिसे पुलिस कर्मियों द्वारा एम्बुलेंस में भेजा गया।
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